वो खून कहो किस मतलब का जिसमे उबल का नाम नहीं
वो खून कहो किस मतलब का आ सके जो देश के काम नहीं
स्कूल में जब "गोपाल प्रसाद व्यास जी" की यह कविता पढ़ते थे तब सोचते थे कि पता नहीं वो लोग कैसे होंगे जिन्होंने देश की आज़ादी में भाग लिया या जो उस आन्दोलन के गवाह बने. फिर जैसे जैसे बड़े होते गए, जीवन की दौड़ धूप में ये पंक्तियाँ अपना महत्व कमती गयीं. रोज़मर्रा की बातों में कभी याद ही नहीं रहा कि कभी जोश में ऐसा भी सोचा था कि अगर गुलामी के दौरान हम होते तो शायद यह कर सकते थे... वह कर सकते थे...
अचानक जैसे तूफ़ान आया.. कम से कम मेरे लिए तो तूफ़ान ही है... बर्बादी का नहीं, एक नयी हवा का नए जोश का तूफ़ान... और ज़रा गौर कीजिये.. इस नए जोशीले तूफ़ान का नाम ७१ वर्षीय अन्ना हजारे है..
सच कहूँ तो मैंने उनका नाम कभी नहीं सुना था.. पर आज मैं उनकी उतनी ही इज्ज़त करती हूँ जितनी भगत सिंह, नेताजी, आज़ाद, महात्मा गाँधी जैसे महान आत्माओं की...
भ्रष्टाचार मुक्त भारत.... यह वो सपना है जो पता नहीं कितनो ने देखा होगा.. कईयों ने सपना देखने से पहले ही आँखे बंद कर ली... कईयों ने सोचा और दुसरे ही पल हँसे कि यह क्या सोचा? पर एक आदमी ने कोशिश की और नतीजा!!! सारा भारत एक तरफ और कुछ नेता एक तरफ..
मेरे एक दोस्त ने कहा कि महात्मा की क्रांति में हम नहीं थे.. पर इस क्रांति का हम हिस्सा बन सकते हैं.. तो क्यों नहीं? और कौन नहीं चाहता कि हमारा देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो? सच है जब हम विश्व कप जितने पर जश्न मनाने के लिए एक हो सकते हैं तो अपने देश कि सफाई के लिए क्यों नहीं?
ज़रूरी नहीं कि केवल अनशन ही एक मार्ग है अन्ना का साथ देने का... हम इस लौ को बुझने नहीं दे यह भी हमारा साथ होगा उस व्यक्ति के लिए...
आप सभी को राम नवमी कि हार्दिक शुभ कामनाये... आशा करती हूँ कि इस राम नवमी पर राम राज होने का जो बीज अन्ना ने बोया है, वो बड़े से बड़ा पेड़ बने और हम सब सच्चाई से कह सके "मेरा भारत महान"
4 टिप्पणियां:
bahut hi sarthak! behad pasand aayi post!!
ramotsav mubarak ho!
भ्रष्टाचार मुक्त भारत!
रामराज्य लाने के लिये अभी बहुत काम करना है। मंज़िल बहुत दूर है। फिर से लिख रही हो, अच्छा लगा। रामनवमी की शुभकामनायें!
Sunder Aalekh.....Ramnavami ki shubhkamanyen....
बहुत ही सार्थक लेख| धन्यवाद|
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