रविवार, 6 फ़रवरी 2011

प्रमित


बहुत दिनों.. या कहूँ कि बहुत महीनों बाद आज कुछ लिखने बैठी हूँ... डर है कहीं आप लोग मुझे भूल तो नहीं गए?
खैर, इन महीनों में काफी कुछ बदल गया है.. मेरा आखरी लेख अब २ पतझड़, २ सर्दियाँ, १ बसंत और १ गर्मी जितना पुराना हो चुका है.
पिछले साल शुरुआत में पता लगा कि हमारे घर एक नया मेहमान आने वाला है और साल जाते जाते १३ अक्टूबर २०१० को हमें "प्रमित" के रूप में एक सुन्दर, अमूल्य तोहफा दे गया. "आम्या" दीदी बन गयी और मैं और "अमित" एक बार फिर मम्मा-पापा!!



मेरी नन्ही गुड़िया अब दीदी बन कर रौब जमाती है
भैया को कब दुद्दू पीना हमें वो बताती है
उसको अब गुड्डे गुड़िया अपने नहीं भाते हैं
क्यूंकि वो नन्हे "ईचू" जैसे आँखें नहीं घुमाते हैं

दादा-दादी, नाना-नानी फिर से बने दादा-दादी, नाना-नानी
रोज़ सोचते हैं कब शुरू हो नन्हे की नन्ही नन्ही शैतानी
बुआ-फूफा, मौसी-मौसा कर रहे हैं इंतज़ार
आंखे बिछाए बैठे हैं लिए ढेरों ढेरों प्या

प्रमित को हम लोग घर में ईचू कहते हैं. आशा है आप सब लोगों का आशीर्वाद और शुभकामनायें उसे हमेशा मिलती रहेंगी. मैं अब कोशिश करुँगी कि अपने ब्लॉग जगत के साथियों से फिर से जुड़ सकूँ.
कोशिश करुँगी जल्दी मिलने की....

2 टिप्‍पणियां:

shahroz ने कहा…

bahut bahut mubarak ho behad pyare PRAMIT!
AANGAN KI KHUSHIYAAN DOBALA HUIN!!
MAIN SEPT SE RANCHI ME HUN.DAINIK BHASKAR JOIN KIYA...

MERE GHAR BHI 27 DEC KO IK NANHI PARI AAYI!!

Smart Indian ने कहा…

एक बार फिर, "हार्दिक बधाई!"