रविवार, 15 जून 2008

मेरे शहर में बाढ़

बहुत कठिन समय चल रहा है। यहाँ हमारे शहर (cedar rapids, iowa, USA) में पिछले ३-४ दिनों से बाढ़ आई है। पहले पहल तो लगा कि सब सही हो जायेगा जल्दी ही। पर अब लगता है कि वाकई घबराने वाली बात है। पानी का स्तर काफ़ी ऊँचा है। इस स्टेट में पिछले ५० सालों में यह सबसे बड़ी बाढ़ है। downtown area में लोगों के घर और दफ्तर खली करा दिए गए हैं। इस क्षेत्र में इस शहर की नदी स्थित है। सिडार नाम की इस नदी के ऊपर ही इस शहर का नाम भी पड़ा है। वैसे तो यह क्षेत्र बहुत सुंदर और मनोरम है परन्तु आजकल किसी भयानक जगह से कम नहीं लगता। लगातार टीवी देखते हुए निराशा हो रही है। हालांकि हम जहाँ रहते हैं वह जगह बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित है पर यहाँ पानी की पूर्ति में भी कमी आने वाली है। (ऐसे समय में हम अपने बारे में सोचने से बाज नहीं आ रहे!!) यहाँ के water pump house में ४ में से ३ water pump बाढ़ की वजह से ख़राब हो चुके है क्यूंकि वह भी downtown area में ही है। अब water supply department के पास केवल २५% पानी ही बचा है। लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि पानी का कम से कम उपयोग करें। केवल पीने और बहुत जरूरी कामों के लिए ही पानी रखें। और अच्छी बात यह है कि लोग इस अपील को मान भी रहे है। हम जैसे देसी भी!! जो भारत में भले ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भूल जाएं पर यहाँ पर मान रहे हैं। खैर अच्छा काम कहीं भी करो, अच्छा ही होता है।
लोग अपनी इच्छा से volunteer भी बन रहे हैं जिससे वह लोगों कि मदद कर सकें। यहाँ तक कि यहाँ के governor को भी इस काम में हिस्सा लेते हुए देख रहे हैं टीवी पर!! इन सब से हालांकि हौसला बढ़ा हुआ है। पर फिर भी डर तो है ही। मन ही मन इश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी ही इन सब से मुक्ति दे। इस समय जबकि मैं यह ब्लॉग लिख रही हूँ, बाहर बिजली कि कड़कड़ाहट और पानी कि तेज़ आवाज़ हो रही है।
आप भी प्रार्थना कीजिये कि जल्दी ही इस प्रकोप का अंत हो।
इसी दुआ के साथ...........

3 टिप्‍पणियां:

شہروز ने कहा…

खुदा करे बाढ़ जल्द ख़त्म हो .इधर की तीन पोस्ट नज़र से गुजरी ,माशा अल्लाह , जोर कलम और ज्यादा .कविताओं को और मज़बूत करने की ज़रूरत है , prose कमाल का लिख लेती हैं .

pallavi trivedi ने कहा…

main prarthna karti hoon..jaldi se jaldi is vipda se aap sabhi ko mukti mile...

Anupam ने कहा…

ur poem is too gud, whoever in delh can easily connect himself wid the poem, u must have written many more, post it on the blog